आशीर्वाद
श्रीगुरुजी (हिंदी)   27-Oct-2017
12 जनवरी 1937 को सायंकाल श्री बाबा जी ने बताया कि, "श्री श्री ठाकुर जी के आदेश के अनुसार कल मकर संक्रमण के शुभ पर्व पर गोलवलकर की दीक्षा विधि सम्पन्न होगी। उसे बताना कि कल उपवास करना होगा।" श्री बाबा जी ने श्री माधवराव से यह भी कहा कि, "गोलवलकर कल से तुम्हारा जीवन बदल जायेगा।" 13 जनवरी को बुधवार था तथा मकर संक्रमण का भी दिन था, उस दिन श्री बाबा जी अखण्डानन्द जी ने प्रात: ही दीक्षा विधि की तैयारी की और छोटे से समारोह में वह पुण्य संस्कार अपने हाथों सम्पन्न कराया। इस दीक्षा ने श्री माधव राव में अलौकिक परिवर्तन ला दिया। 24 जनवरी को श्री बाबा जी ने उनसे कहा कि, "मुझमें जो अच्छाई है, वह मैं तुम्हें दे रहा हूँ, तुझमें जो बुराई है मुझे दो। मुझे सुख की चाह नहीं, मुझे दु:ख चाहिए, मुझे तेरा विस्मरण न हो, यही मेरी भगवान से प्रार्थना है, मेरा तुम्हें आशीर्वाद" (भिशीकर, च.प., वही, पृष्ठ 28)।